Category: Messages

यह घर मांगे ‘मोर’

एक वक़्त था जब ओखला मक़ामी सियासत और एक्टीविज़्म के लिए कम, नेशनल पोलिटिक्स के लिए ज़्यादा जाना जाता था। और इसकी वजह भी थी। और वह यह कि यहां…

ओखला ही क्यों?

*जो हम ख़ामोश बैठेंगे तो कोसेंगी नई नस्लें,* *निज़ामे गुलसितां यारो हमीं को तो बदलना है!!* जब हम ओखला के मसाइल की बात करते हैं तो लोग पूछते हैं कि…

ओखला हमारा घर है!

जब हम किसी से ओखला /जामियानगर से बाहर मिलते हैं और लोग हमसे पूछते हैं कि हम कहां रहते हैं तो हमारा जवाब होता है “ओखला” या फिर “जामियानगर”. हम…